🌺 आरती महाराजा अग्रसेन जी की 🌺
जय अग्रसेन हरे, स्वामी जय अग्रसेन हरे।
कोटि-कोटि नमस्तेक, सदर नम्न कोरे॥
ॐ जय श्री अग्रसेन हरे…॥
अभिवन शुक्ल एकुम तुप बल्लभ जारे।
स्वामी बल्लभ बार जारे॥
अब्रव्शा सर्ष्ट्यक, नाग्वश व्याह।
ॐ जय श्री अग्रसेन हरे…॥
केसरीया ध्वज फहरे धाज चव्खरी।
स्वामी धाज चव्खरी॥
धाजा, नपफरी, नोबत, बाजत तब दूर।
ॐ जय श्री अग्रसेन हरे…॥
अघोहा राजधानी, इंद्र शरण अज्ये।
स्वामी इंद्र शरण अज्ये॥
गोत्राचारः, अभ्व तक तेरे गुण गाये।
ॐ जय श्री अग्रसेन हरे…॥
सत्य अहिंसा पालक, न्याय नीति समता।
प्रभु न्याय नीति समता॥
इत र्पय को रीत, प्रकट कर ममता।
ॐ जय श्री अग्रसेन हरे…॥